Wednesday, 7 July 2010

शान्ति सभा-गोष्ठी-यात्रा, शान्ति रहुन्जेल!

[यो कविता Boston ANA Convention July 4th, 2010 शान्ति-सभामा पाठ गरिएको थियो!]


संशय र संबादको युद्ध रहुन्जेल
शान्ति सभा-गोष्ठी-यात्रा, शान्ति नहुन्जेल!

शान्ति ब्यवस्थाको पैले,शान्ति संविधान
शान्ति परिवार भित्र,शान्ति अभियान!
विवाद र आशँकामा,अब भलो छैन
मिली बस्न सक्दैनौँ त-नेपाली नै हैन!
मिली बस्दा सँसार् भरी-नेपाल् छ की छैन?

सयौँ थरी भाषा जात,हाम्रा मीठा दिन
हज्जारौँमा मरिसके -शान्ति छैन किन?
संस्क्रिति र धर्म-कर्म संगीतका भाका
मन शान्ति-घर शान्ति, शान्ति बन पाखा
धर्म-प्रेम आश्रय छ शान्ति राहधानी
आतंकले सताउँदा सन्धी-सावधानी
राखौँ क्षमा, नियमले, नम्र जरुरत!
प्यार गरौँ समाजमा बसौँ मजबुत!

अमेरिका शान्ति खोज्छ,खोज्छन् विश्व ऐले
शान्ति-सेवा समाजमा-आफू बनौँ पैले
हिम-नदी-जल बाडौँ बुद्ध शान्ति-धारो
मिल्यौँ भने साथी-भाई छैन केही गाह्रो!

आज शान्ति भोलि शान्ति,शान्ति यहाँ-वहाँ?
शान्ति भित्रै ल्यायौँ भने-जान्छौँ जहाँ-तहाँ?
निकाश र नियमको, प्रेम रहुन्जेल
शान्ति सभा-गोष्ठी-यात्रा, शान्ति रहुन्जेल!

- अनन्‍तगोपाल रिसाल [July 4th, 2010]

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